Class 7 Hindi Grammar Chapter 25 समास (2024)

Class 7 Hindi Grammar Chapter 25 समास (1)

Updated by Tiwari Academy
on June 22, 2023, 8:47 AM

Class 7 Hindi Grammar Chapter 25 समास (Samaas). Learn here about Samaas and Samaas ke Bhed with Samaas Vichchhed revised and modified for academic session 2024-25. These contents of Class 7 Hindi Vyakaran are useful not only for CBSE board but for the State boards also. Practice here, examples and explanations of each topic related to Sammas in standard seven Hindi Vyakaran to score well in school exams.

    • कक्षा 7 के लिए हिन्दी व्याकरण – समास विग्रह

कक्षा 7 हिन्दी व्याकरण पाठ 25 समास विग्रह

कक्षा: 7 हिन्दी व्याकरण
अध्याय: 25 समास और समास विग्रह

समास किसे कहते हैं?

दो या दो से अधिक पदों का अपने विभक्ति-चिह्नों को छोड़कर एक हो जाना समास कहलाता है।
निम्नलिखित वाक्यों पर ध्यान दें:

वर्ग क वर्ग ख
घोड़े पर सवार घुड़सवार
गंगा का जल गंगाजल
दस है आनन जिसकेदशानन

उपर्युक्त वाक्यों से स्पष्ट होता है कि यहाँ दो या दो से अधिक पद बिना कारक-चिह्नों के ही आपस में जुड़ गए हैं। समस्त-पद समास रचना में दो या दो से अधिक पद होते हैं। पहले पद को “पूर्व पद” कहते हैं और दूसरे पद को “उत्तर पद” कहते हैं। इन दोनों पदों के मेल से एक नया शब्द बनता है जिसे “समस्त पद” कहते हैं।

समास-विग्रह

जब समस्त-पद के सभी पद अलग किए जाते हैं विग्रह कहलाता है।
जैसे: “माता-पिता”, समस्त पद का विग्रह है, माता और पिता।

संधि और समास में अंतर

कुछ लोग संधि और समास को एक ही मान लेते हैं, लेकिन यह गलत है। संधि और समास में निम्नलिखित अंतर हैं:

    • 1. संधि का अर्थ है- मेल, जबकि समास का अर्थ है- संक्षेप।
    • 2. संधि में वर्गों का मेल होता है जबकि समास में शब्दों (पदों) का।
    • 3. संधि में वर्ण-परिवर्तन होता है जबकि समास में ऐसा नहीं होता है।
    • 4. संधि का विच्छेद किया जाता है, जबकि समास का विग्रह होता है।
    • 5. समास में शब्दों के बीच के विभक्ति चिह्नों का लोप हो जाता है।

समास के भेद

    • 1. अव्ययीभाव समास
    • 2. तत्पुरुष समास
    • 3. कर्मधारय समास
    • 4. द्विगु समास
    • 5. बहुव्रीहि समास
    • 6. वंद्व समास

अव्ययीभाव समास

जिस समस्त पद का पहला पद अव्यय हो और जो क्रियाविशेषण के रूप में प्रयुक्त हो, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।
जैसे: यथाशक्ति, प्रतिदिन, आजन्म आदि। अव्ययीभाव समास से बने शब्द अव्यय होते हैं।

अव्ययीभाव समास समास विग्रह
यथाशक्ति शक्ति के अनुसार
प्रतिदिन प्रत्येक दिन
आजन्म जन्म से लेकर
रातोंरात रात ही रात में
निर्भय बिना भय के
आजीवन जीवनभर

तत्पुरुष समास

जिस समस्तपद में अंतिम पद की प्रधानता हो, उसे तत्पुरुष समास कहते हैं। जैसे: देवपुत्र। देवता का पुत्र। यहाँ अंतिम पद प्रधान है। तत्पुरुष समास में समस्त पदों के लिंग और वचन अंतिम पद के अनुसार ही होते हैं।

तत्पुरुष समास के भेद

कारकों की विभक्तियों के आधार पर तत्पुरुष समास के छह भेद किए गए हैं।

(क) कर्म तत्पुरुष (को-विभक्ति का लोप)
समस्तपद विग्रह
ग्रामगत ग्राम को गत
गुरुनमन गुरु को नमन
परलोकगमन परलोक को गमन
यशप्राप्त यश को प्राप्त

ख. करण तत्पुरुष (से, के द्वारा विभक्ति का लोप)
समस्तपद विग्रह
मनचाहा मन से चाहा
कामचोर काम से चोर
मुँहबोला मुँह से बोला
ईश्वर-प्रदत्त ईश्वर द्वारा प्रदत्त
रोगमुक्त रोग से मुक्त

ग. संप्रदान तत्पुरुष (को, के लिए विभक्ति का लोप)
समस्तपद विग्रह
देशप्रेम देश के लिए प्रेम
पूजाघर पूजा के लिए घर
यज्ञशाला यज्ञ के लिए शाला
राहखर्च राह के लिए खर्च
गौशाला गौ के लिए शाला
दानपेटी दान के लिए पेटी

घ. अपादान तत्पुरुष (से, विभक्ति का लोप)
समस्तपद विग्रह
प्रदूषण रहित प्रदूषण से रहित
धनहीन धन से हीन
जीवनमुक्त जीवन से मुक्त
धर्मभ्रष्ट धर्म से भ्रष्ट
भयभीत भय से भीत
जलविहीन जल से विहीन

ङ. संबंध तत्पुरुष (का, के, की विभक्ति का लोप)
समस्तपद विग्रह
सुरसरिता सुर की सरिता
प्रेमसागर प्रेम का सागर
घोड़ा गाड़ी घोड़े की गाड़ी
अमृतधारा अमृत की धारा
लोकसभा लोक की सभा
वायुयान वायु का यान

च. अधिकरण तत्पुरुष (में, पर-विभक्ति का लोप)
समस्तपद विग्रह
जलमग्न जल में मग्न
लोकप्रिय लोक में प्रिय
कमरदर्द कमर में दर्द
कुलोत्तम कुल में उत्तम
ग्रामवास ग्राम में वास
ज्ञानवीर ज्ञान में वीर

तत्पुरुष समास के उपभेद

तत्पुरुष समास के दो प्रमुख उपभेद हैं: कर्मधारय समास तथा द्विगु समास

कर्मधारय समास

कर्मधारय समास वहाँ होता है जहाँ दूसरा पद प्रधान हो तथा दोनों पदों में विशेषण-विशेष्य या उपमेय-उपमान का संबंध हो। जैसे:

उपमान उपमेय
महाराजा महान है जो राजा
सद्धर्म सत् है जो धर्म
नीलगाय नील है जो गाय
दुरात्मा बुरी है जो आत्मा
मुखचंद्र मुख रूपी चंद्र

4. द्विगु समास

द्विगु समास वहाँ होता है जहाँ समस्त पद का पहला पद संख्यावाचक विशेषण हो। जैसे:

पहला पद दूसरा पद
नवरत्न नौ रत्नों का समूह
सतसई सात सौ का समूह
चौराहा चार राहों का समूह
चौमासा चार मासों का समूह
त्रिभुवन तीन भुवनों का समूह
सप्त सात दिनों का समूह

5. बहुव्रीहि समास

बहुव्रीहि समास में कोई पद प्रधान नहीं होता है। इनके पद मिलकर कोई अन्य पद की प्रधानता को दर्शाते हैं। जैसे:

प्रथम पद द्वितीय पद अन्य पद
दशमुख दश हैं मुख जिसके रावण
लंबोदर लंबा उदर है जिसका गणेश
चतुर्भुज चार भुजाएँ हैं जिसकी विष्णु
चतुरानन चार मुख हैं जिसके ब्रहमा
नीलकंठ नीला कंठ है जिसका महेश
गजानन गज का मुँह है जिसका गणेश

6. द्वंद-समास

जिस समस्त पद के दोनों पद प्रधान हों वहाँ द्वंद्व समास होता है। जैसे:

प्रथम पद द्वितीय पद
माता-पिता माता और पिता
नाना-नानी नाना और नानी
सीता-राम सीता और राम
गुरु-शिष्य गुरु और शिष्य
जीवन-मरण जीवन और मरण
राजा-रानी राजा और रानी

बहुव्रीहि तथा कर्मधारय समास में अंतर

समस्तपद का एक पद दूसरे पद का विशेषण हो या दोनों में उपमेय- उपमान संबंध हो, तो कर्मधारय समास होता है। लेकिन, यदि दोनों पदों के मेल से कोई अन्य अर्थ प्रकट हो, तो बहुव्रीहि समास होता है। जैसे:

पद कर्मधारय समास बहुव्रीहि समास
नीलकंठ नील है जो कंठ नीला कंठ है जिसका
सुनयन सुंदर है जो नयन सुंदर है नयन जिसके (विशेष स्त्री)

द्विगु और बहुव्रीहि समास में अंतर

यदि समस्तपद का पहला पद संख्यावाची हो तो द्विगु समास होता है, परंतु यदि दोनों पदों के मेल से कोई अन्य अर्थ प्रकट हो, तो बहुब्रीहि समास होता है। जैसे:

पद द्विगु समास बहुव्रीहि समास
चतुरानन चार आनन चार हैं आनन जिनके
तिरंगा तीन रंगों का समूह तीन हैं रंग जिसमें (भारत का राष्ट्रीय ध्वज)

स्मरणीय तथ्य

    • दो या दो से अधिक पदों का अपने विभक्ति-चिह्नों को छोड़कर एक हो जाना समास कहलाता है।
    • समस्त-पद के सभी पदों को अलग-अलग किए जाने की प्रक्रिया समास-विग्रह कहलाती है।
    • समास के छह भेद होते हैं:
      अव्ययीभाव समास, तत्पुरुष समास, कर्मधारय समास, द्विगु समास, द्वंद्व समास, बहुव्रीहि समास।
    • अव्ययीभाव समास का पूर्वपद अव्यय होता है।
    • तत्पुरुष समास में उत्तरपद प्रधान होता है तथा समास करने पर विभक्तियों का लोप हो जाता है।
    • कर्मधारय समास में पूर्व एवं उत्तरपद विशेषण-विशेष्य तथा उपमान-उपमेय होते हैं।

Class 7 Hindi Grammar Chapter 25 समास (2)

Class 7 Hindi Grammar Chapter 25 समास (3)

Class 7 Hindi Grammar Chapter 25 समास (4)

Class 7 Hindi Grammar Chapter 25 समास (5)

Last Edited: June 22, 2023

Class 7 Hindi Grammar Chapter 25 समास (2024)
Top Articles
Latest Posts
Article information

Author: Errol Quitzon

Last Updated:

Views: 5808

Rating: 4.9 / 5 (59 voted)

Reviews: 90% of readers found this page helpful

Author information

Name: Errol Quitzon

Birthday: 1993-04-02

Address: 70604 Haley Lane, Port Weldonside, TN 99233-0942

Phone: +9665282866296

Job: Product Retail Agent

Hobby: Computer programming, Horseback riding, Hooping, Dance, Ice skating, Backpacking, Rafting

Introduction: My name is Errol Quitzon, I am a fair, cute, fancy, clean, attractive, sparkling, kind person who loves writing and wants to share my knowledge and understanding with you.